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Saturday, December 25, 2010

Mehatab tere chehara

महताब तेरा चेहरा...किस खाब में देखा था...
ये हुस्ने अदा बताला...बतला के मैं कौन हूँ...
राहों में मिले अक्सर...एक रह चले मिलकर...
फिर भी हैं यही बेहतर...मत पुच के मैं कौन हूँ...
मुकेश लता...सुरीले सदाबाहर नगमें...

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